दूसरों की देखा-देखी ब्लॉग मत शुरू कर लें.
यदि कर लिया है तो भी अपने-आप से यह सवाल ज़रूर पूछें " आप ब्लॉगिंग क्यों करना चाहते हैं ! "
यह बेकार का सवाल नहीं है जनाब , इस सवाल का जवाब ही आप के लेखन की दशा और दिशा तय करेगा.
बहुत ही ज़रूरी है यह.
कुछ जवाब तो आपको विकल्प के रूप में भी दे सकता हूँ --
(1) अपनी बात कहने की आजादी को महसूस करना.
(2) मनोरंजन का एक नया साधन.
(3) हिन्दी में ब्लॉगिंग कर हिन्दी की सेवा करना.
(4) पूरे विश्व से जुड़ने की इच्छा.
(5) पत्रकारिता का एक नया रूप.
(6) आय का एक स्रोत .
(7) मन की भडास और कुंठा निकालने का साधन.
इन्हें मेरे ब्लॉग के सर्वे से लिया गया है. आप यहाँ पर अपनी राय दे सकते हैं. यदि आप एक नए ब्लॉगर हैं तो आपकी इच्छा शुरूआती चार में से ही होनी चाहिये. आप एकदम हलके- फुल्के ढंग से ब्लॉग बनाएँ.
ये सोच कर बनाएँ कि ब्लॉग का एड्रेस ( पता- ******.ब्लागस्पाट.कॉम ) और उसका टाइटिल यानी आपके ब्लॉग का क्या नाम होना चाहिये.
वैसे आप बाद में नाम, पता और लेख बदल भी सकते हैं.
यदि समस्या आए तो 'अवध टाइम्स' के द्वारा ब्लॉग्स-पंडित ई-गुरु राजीव किस लिए हैं :)
शुरुआत में कुछ भी लिखिए अखबार से कुछ लिखें या किसी पत्रिका से कुछ लिखें या अपनी ही कोई रचना लिखें और उसे प्रकाशित (पब्लिश) करें. आप को बेहद खुशी होगी.
फ़िर अपने ब्लॉग को सजाने का काम करें, उसमें घड़ी या कैलेंडर भी लगायें.
अन्य दूसरी सजावटी वस्तुओं के लिए मेरे अन्य लेख भी पढ़ें, इससे आपका ज्ञान भी बढेगा और मज़ा भी आएगा।
" ब्लॉग क्या है " इस विषय पर टी.वी. पर भी एक चर्चा चली थी. पेश है यह रिपोर्ट -
2 comments:
guruji, namaskaar, dhanyavaad, mehaebaani banaaya rakhen ravindra kumar pathak.
बहुत उपयोगी पोस्ट!
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