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नितिन गडकरी : नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के सक्षम उम्मीदवार

Wednesday, December 17, 2014

नई दिल्ली : दूसरी बार भाजपा की कमान सम्भालने की तैयारी में जुटे भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष नितिन गडकरी ने एक चैनल को दिए अपने एक साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया है कि यदि उनकी पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर लेती है तो नरेंद्र मोदी पीएम पद के योग्य उम्मीदवारों में से एक हैं परन्तु इस बारे में निर्णय चुनाव बाद ही किया जाएगा.



गडकरी ने ये भी कहा कि वे अगला लोकसभा चुनाव लडने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उल्लेखनीय है कि नितिन गडकरी पर हाल ही में सिंचाई घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे हैं. सिंचाई घोटाले व उनके अजय संचेती के साथ कथित संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि अगर कोई भी यह साबित कर दे कि उनके करीबी सहयोगी व पार्टी सांसद अजय संचेती के साथ उनके बिजनेस संबंध हैं तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे.


इसके साथ ही गडकरी ने यहाँ तक कहा कि यदि आपके पास इस बारे में एक भी साक्ष्य है जो यह साबित करता हो कि मैं सीधे या परोक्ष रूप से संचेती का बिजनेस पार्टनर हूं तो बताइए. मैं अपनी सारी संपत्ति उसके नाम कर दूंगा. मैं किसी भी एजेन्सी की जांच से नहीं डरता.

राहुल गाँधी के कश्मीर दौरे के निहितार्थ

Monday, June 24, 2013

जैसा कि हम सभी हमेशा से यह जानते हैं कि राहुल गांधी को 2014 में बतौर पीएम प्रत्याशी प्रोजेक्‍ट करने की प्‍लानिंग कांग्रेस बना चुकी है. अब वे प्रधानमन्त्री बन पाते हैं या नहीं यह तो समय ही बताएगा परन्तु वह पूरी तरह से इस कार्य में लगे हुए हैं.

आजकल वह कश्मीर का दौरा कर रहे हैं. कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और मुसलमान कांग्रेस का वोटबैंक भी है. अतः वह इनको लुभाने के लिए पहुंचे हुए हैं.






यहाँ आने के उनके दो मुख्य उद्देश्य हैं :-

1. राष्‍ट्रीय छवि बनाना

प्रतीक्षित  पीएम  राहुल गाँधी के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि कश्‍मीर से लेकर कन्‍या कुमारी तक लोग उन्‍हें जाने. खास तौर से देश का युवा मतदाता वर्ग. राहुल इसमें सफल होते हैं, तो 2014 के लिये राहुल के वोट पक्‍के हो सकते हैं.



2. बड़ी योजनाओं का उल्लेख कर यूपीए का प्रचार करना

ज़ोजिला पास पर छह महीने तक बर्फ जमे रहने के कारण लद्दाख देश से कटा-कटा रहता है. लिहाजा यहां पर एक टनल बनाने का काम शुरू किया जा रहा है. गुरुवार को इसकी नींव डाली गई. इस प्रोजेक्‍ट की कीमत 2,680 करोड़ रुपए है. राज्‍य के लोग यह न सोचें कि यह टनल उमर सरकार ने बनाकर दी है, इसीलिये राहुल केंद्र को क्रेडिट दिलवाने यहां पहुंचे हैं. इस मौके पर उन्‍होंने सोनमर्ग को जोड़ने के लिये एक नई टनल का भी ऐलान कर दिया है.


3. केंद्र को श्रेय दिलवाना

साथ ही 2010 के बादल फटने की घटना को याद दिलाते हुए लोगों को यह अहसास करा दिया कि केंद्र ने लेह को बर्बादी से उबारने के लिये ढेर सारा पैसा रिलीज़ किया था. उन्‍होंने यह अहसास कुछ इस तरह दिलाया, "2010 में जब मैं यहां आया था तो बादल फटने के कारण चारों तरफ मातम छाया हुआ था. आज मैं खुश हों यहां त्‍योहार जैसे माहौल को दूख कर. केंद्र ने लेह को फिर से विकसित करने के लिये अच्‍छी मात्रा में पैसा दिया था. हम खुश हैं आपके चेहरे पर मुस्‍कुराहट देखकर."

इस  प्रकार राहुल एकाग्र भाव से लोगों को यह बताने में लगे हुए हैं कि मैं ही इस देश का अगला प्रधानमन्त्री हूँ.

नरेंद्र मोदी समर्थकों का आडवाणी के आवास पर प्रदर्शन

Wednesday, June 12, 2013

गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतवर्ष के सम्भावित प्रधानमन्त्री नरेन्द्र भाई मोदी के समर्थकों ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग को लेकर पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी के निवास के बाहर खुल कर प्रदर्शन किया. गोवा में भाजपा की बैठक में मोदी को अहम जिम्मेदारी सौंपने की घोषणा किये जाने की संभावना है, लेकिन आडवाणी की अनुपस्थिति में इसे टाला भी जा सकता है. भाजपा का कहना है कि आडवाणी अस्वस्थ होने के कारण इस अहम बैठक में हिस्सा लेने नहीं आ पाए, परन्तु इसे आडवाणी की नाराजगी के रुप में नहीं देखा जाना चाहिये. उन्होंने कुछ दिन पूर्ण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मोदी से बेहतर मुख्यमंत्री बताया था. मोदी के समर्थक आज दोपहर में आडवाणी के घर बाहर इकट्ठा हो गये. उनकी मांग थी कि आडवाणी गुजरात के मुख्यमंत्री को अपना आशीर्वाद देकर उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करें. प्रदर्शनकारी हाथों में पट्टियां लिये हुये थे, जिन पर लिखा था मोदी को कमान आडवाणी को सम्मान.

मोदी अध्यक्ष नहीं संयोजक बनें : आडवाणी

हिन्दप्रभा डेस्क: अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि आडवाणी नरेंद्र मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाने के लिए तो राजी हैं, लेकिन अध्यक्ष बनाने के लिए नहीं. सूत्रों के मुताबिक आडवाणी गोवा में न होकर भी मोदी विरोधी खेमे की कमान संभाले हुए हैं.


 


 यदि मोदी को प्रचार समिति का संयोजक बनाया जाता है, तो चुनाव से संबंधित बीजेपी की बैठकों की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ही करेंगे लेकिन अगर मोदी प्रचार समिति के अध्यक्ष बनाए जाते हैं, तो चुनाव के लिए होने वाले बैठकों की अध्यक्षता भी मोदी ही करेंगे.


गोवा बैठक में नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाने को लेकर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कुछ अन्य नेताओं की अनुपस्थिति में बीजेपी में गहन मंथन जारी है.


अब देखना यह है कि गोवा का ऊंट किस करवट बैठेगा.

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